tag:blogger.com,1999:blog-4323557767491605220.post3434931113246358362..comments2024-03-28T13:01:33.068+05:30Comments on समय के साये में: कोरी भावुकता और गंभीर संवेदनशीलताAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/06584814007064648359noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4323557767491605220.post-85813329267786763862014-12-07T13:41:15.089+05:302014-12-07T13:41:15.089+05:30आदरणीया बीनू कबीर जी,
हम सभी लगभग ऐसी ही स्थितिय...आदरणीया <b> बीनू कबीर </b> जी,<br />हम सभी लगभग ऐसी ही स्थितियों में हैं। सवालों के ज़खीरे हैं और परिवेश से जवाब नदारद हैं, पहुंच से दूर कर दिये गये हैं। आप जब भी जरूरी समझें, हम कुछ सवालों के जवाब ढूंढने में एक दूसरे की मदद कर सकते हैं, <b> मेल </b> पर संवाद कर सकते हैं।<br /><b> शुक्रिया। </b>Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06584814007064648359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4323557767491605220.post-63786285131605132382014-12-07T12:35:19.419+05:302014-12-07T12:35:19.419+05:30कितने दिन ,महीने ,साल से कितने सवाल उलझा रहे थे ,क...कितने दिन ,महीने ,साल से कितने सवाल उलझा रहे थे ,कोई नहीं मिला जिसके सामने बात रख सके ,सवाल पूछ सकें .मित्र विहीन सी स्थिति थी .......आज यहाँ कितना कुछ स्पष्ट हो गया , उत्तर मिले ,दिशा मिली ....Beenuhttps://www.blogger.com/profile/15919284188578648622noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4323557767491605220.post-40261158487758247372013-05-05T05:50:27.174+05:302013-05-05T05:50:27.174+05:30विचारणीय।विचारणीय।Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4323557767491605220.post-9651966705824360212013-05-04T18:20:31.993+05:302013-05-04T18:20:31.993+05:30बहुत बढ़िया गंभीर चिंतन से ओत-प्रोत प्रस्तुति ...बहुत बढ़िया गंभीर चिंतन से ओत-प्रोत प्रस्तुति ...कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.com