tag:blogger.com,1999:blog-4323557767491605220.post7427315561504063802..comments2024-03-28T13:01:33.068+05:30Comments on समय के साये में: चेतना के आधार के रूप में श्रमAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/06584814007064648359noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4323557767491605220.post-89812205750749320142011-09-12T14:24:01.229+05:302011-09-12T14:24:01.229+05:30बहुत सुन्दर! अच्छा लगा। इस बार पसन्द आया।
http:/...बहुत सुन्दर! अच्छा लगा। इस बार पसन्द आया। <br /><br />http://ncertbooks.prashanthellina.com/class_12.Psychology.Manovigyan/Glossary.pdf<br /><br />http://ncertbooks.prashanthellina.com/class_11.Psychology.Manovigyan/glossary.pdf<br /><br />संयोग से शब्दावली के लिए एक छोटा लेकिन ठीक ठाक कोश जैसा छोटा अंश मिल गया। उनके लिंक हैं। आप चाहें तो इन्हें लगा सकते हैं। ये यूनिकोड में नहीं हैं।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4323557767491605220.post-34299329355247910502010-03-06T11:38:19.693+05:302010-03-06T11:38:19.693+05:30लेख महत्वपूर्ण है..मानव चेतना और उस चेतना का व्यवह...लेख महत्वपूर्ण है..मानव चेतना और उस चेतना का व्यवहारिक प्रयोग मानव जाति के द्वारा प्रकृति को अपने प्रति लाभ रूप में उपस्थित करना, और कम से कम पशु इस सक्रियता से अनभिज्ञ है। इसकी तह से, इस तह के क्रियाकलाप से में कुछ अपरिचित था..और यह लेख उस हिस्से के शून्य को प्रभावित करता है....इस तरह आपका लेख मेरे लिए आवश्यक जानकारी के तौर पर मस्तिष्क में स्पष्ट होता चला गया....<br /><br />प्रकृति के साथ जानवरों का संबंध अपरोक्ष ( direct ) होता है।<br /><br />ये अपरोक्ष शब्द खटक रहा है...प्रत्यक्ष के विपरीत में परोक्ष शब्द प्रयोग कर सकते हैं...और अपरोक्ष थोडा गैर साहित्यिक शब्द हो जाता है। इसकी अपेक्षा प्रत्यक्ष या सिर्फ अंग्रेजी में indirect ही काम में लायें तो भाषा बनी रहती हैं, चूँकि मैं अपने लेखों में भाषा सम्बन्धी कई गलतियाँ करता हूँ, और आपके भिन्न भिन्न विषयों पर केन्द्रित लेखों से मुझे कई नए शब्द मिलते हैं। इस उम्मीद से इस शब्द पर मैं ने अपने विचार रख दिए। अगर मैं कहीं गलत ठहरता हूँ तो अवश्य समझाएं..<br /><br />" मनुष्य का हाथ श्रम करने वाला अंग ही नहीं, श्रम का उत्पाद भी है। "<br /><br />यह सामान्य बात बहुत अच्छे तरीके से कही गई....मुझे लेख के ऐसे ही कई बिंदु पसंद आये <br /><br />निशांत कौशिकताहम...https://www.blogger.com/profile/12469048298677439075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4323557767491605220.post-15747948621786675322010-03-03T23:04:17.188+05:302010-03-03T23:04:17.188+05:30माफ कीजिए, देर से नज़र गई, पिछली पोस्ट, और यह पोस...माफ कीजिए, देर से नज़र गई, पिछली पोस्ट, और यह पोस्ट पढ़ कर टिप्पणी करूंगा...संदीपhttps://www.blogger.com/profile/01871787984864513003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4323557767491605220.post-22089986893568254982010-02-21T22:33:28.331+05:302010-02-21T22:33:28.331+05:30पढ़ा शुक्रियापढ़ा शुक्रियाArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com