हे मानवश्रेष्ठों,
मनोविज्ञान पर यहां पेश की जा रही सामग्री के बारे में कुछ मानवश्रेष्ठों द्वारा यह आकांक्षा व्यक्त की गई है कि अब तक प्रस्तुत हो चुकी सामग्री को, और बाद में आने वाली सामग्री को भी, पीडीएफ़ फ़ाइल-रूप में डाउनलोड किये जाने की व्यवस्था कर दी जाए।
इसी हेतु अब तक की सामग्री को पांच भागों में समेकित कर, उनके पीडीएफ़ डाउनलोड करने के लिए लिंक इस बार यहां दिये जा रहे हैं। बाकी सामग्री के लिंक भी यथासमय प्रस्तुत कर दिये जाएंगे।
इन्हें साइड बार में भी डाल दिया गया है, जहां ये बाद में भी उपलब्ध रहेंगे।
इस भाग में हम जानेंगे कि मनोविज्ञान क्या है? इसकी विषयवस्तु क्या है? हम देखेंगे कि मनोविज्ञान संबंधी धारणाओं का इतिहास क्या है? मन, मस्तिष्क और चेतना क्या है?
इस भाग में हम जानेंगे कि समकालीन मनोविज्ञान की प्रवृत्तियां कौनसी हैं? व्यवहारवाद और मनोविश्लेषण क्या है? सामान्य मनोविज्ञान की संकल्पना क्या है? इसकी शोध प्रणालियां क्या है?
इस भाग में हम जानेंगे कि मन, चिंतन और चेतना क्या हैं? मन और चेतना का विकास कैसे हुआ? सहजवृत्तियां और अनुकूलित संबंध क्या है? पशुओं के बौद्धिक व्यवहार के मूल में क्या है? मानस की परिवेश पर निर्भरता क्या है? पशुओं और मनुष्य के मानस में क्या भेद हैं? चेतना के विकास में श्रम और भाषा की क्या भूमिका है?
इस भाग में हम देखेंगे कि सक्रियता के स्रोत के रूप में आवश्यकताएं क्या हैं? आवश्यकताओं की क़िस्में क्या हैं? उनका विकास कैसे हुआ? सक्रियता और उसके लक्ष्य क्या हैं? सक्रियता की संरचना क्या है? आदतें और उनकी संरचना क्या है? अभ्यास क्या है? कौशल क्या है? मनुष्य की सक्रियता के प्रमुख रूप क्या हैं और उनका विकास कैसे हुआ? खेल और उनकी सक्रियता में भूमिका क्या है? अधिगम और अध्ययन क्या है? श्रम क्या है?
इस भाग में हम देखेंगे कि संप्रेषण की अवधारणा क्या है? संप्रेषण और सक्रियता के संबंध क्या हैं? संप्रेषण के साधन के रूप में भाषा क्या है? शाब्दिक और अशाब्दिक संप्रेषण क्या है? वाक् का विकास किस तरह होता है? सक्रियता और संप्रेषण में सामाजिक प्रतिमानों की क्या भूमिका है? संप्रेषण में भूमिका अपेक्षाएं क्या हैं? मनोवैज्ञानिक संपर्क और अंतर्वैयक्तिक टकराव क्या हैं? मित्रों के बीच और परस्पर समझ के रूप में संप्रेषण क्या है? एक दूसरे को जनने के क्रियातंत्र क्या होते हैं? संप्रेषण में प्रतिपुष्टि और प्रशिक्षण क्या है?
इस बार इतना ही।
अगली बार संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं को समझने की कड़ी में चिंतन पर चर्चा शुरू करेंगे।
अगली बार संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं को समझने की कड़ी में चिंतन पर चर्चा शुरू करेंगे।
जाहिर है, एक वस्तुपरक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गुजरना हमारे लिए कई संभावनाओं के द्वार खोल सकता है, हमें एक बेहतर मनुष्य बनाने में हमारी मदद कर सकता है।
शुक्रिया।
समय
5 टिप्पणियां:
"Ready" is ready on June 03, 2011 & Watch official trailer
हार्दिक आभार।
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गुडिया रानी हुई सयानी...
सीधे सच्चे लोग सदा दिल में उतर जाते हैं।
आप ने बहुत उपयोगी काम कर डाला है।
Sir kya such-much ham chahe to kisi ke man ki baat use dekh kar samajh sakte hai if yes to kaise ???
Thank you very much..valuable post.
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