हे मानवश्रेष्ठों,
राजनीतिक चेतना और राजनीति
( Political Consciousness and Politics )
यहां पर ऐतिहासिक भौतिकवाद पर कुछ सामग्री एक शृंखला के रूप में प्रस्तुत की जा रही है। पिछली बार हमने यहां ‘सामाजिक चेतना के कार्य और रूप’ के अंतर्गत सामाजिक मानसिकता और दैनंदिन चेतना पर चर्चा की थी, इस बार हम राजनीतिक चेतना और राजनीति को समझने की कोशिश करेंगे।
यह ध्यान में रहे ही कि यहां इस शृंखला में, उपलब्ध ज्ञान का सिर्फ़ समेकन मात्र किया जा रहा है, जिसमें समय अपनी पच्चीकारी के निमित्त मात्र उपस्थित है।
राजनीतिक चेतना और राजनीति
( Political Consciousness and Politics )
वर्ग समाज (class society) में सामाजिक चेतना का
सर्वाधिक महत्वपूर्ण और सामान्य रूप राजनीतिक चेतना है। सामाचारपत्र,
रेडियो और टेलीविजन आधुनिक मनुष्य पर राजनीतिक सूचनाओं की बौछार करते रहते
हैं। वह घर में और काम के समय राजनीतिक हलचलों पर बहस करता है और ख़ुद भी
राजनीतिक मामलों में शिरकत करता है। तो प्रश्न है कि राजनीति और राजनीतिक
चेतना क्या है ?
राजनीति, मानव क्रियाकलाप का एक सबसे महत्वपूर्ण रूप है जो वर्गों (classes) तथा
सामाजिक समूहों के मूल आर्थिक हितों से संबद्ध (associated) होता है। राजनीति का सबसे
महत्वपूर्ण कार्य एक निश्चित वर्ग के हित में राजकीय सत्ता (state power) का निर्माण
करना, उसे बनाये रखना और उपयोग में लाना है। राजनीतिक क्रियाकलाप सामाजिक
क्रांतियों के दौरान सर्वाधिक तीक्ष्णता (acute) से होते हैं। सामाजिक क्रांतियों
का सर्वाधिक महत्वपूर्ण संरचनात्मक तत्व (structural element) ‘राजनीतिक क्रांति’ बन जाती है और
उसकी सबसे महत्वपूर्ण समस्या राजकीय सत्ता होती है। एक युग के गहनतम
अंतर्विरोधों (contradictions) का समाधान राजनीतिक क्रियाकलाप के दौरान होता है। यही इस बात
का कारण है कि लोग राजनीतिक समस्याओं तथा हलचलों पर बहस करते समय इतने
उत्तेजित क्यों हो जाते हैं।
घरेलू और विदेश नीति के बीच भेद करना सामान्य बात है। घरेलू नीति और
राजनीति एक देश के अंदर राज्य के तथा सत्तासीन राजनीतिक पार्टियों द्वारा
प्रभुत्वशाली वर्ग (dominant class) के हित में किये जानेवाले उपायों का समुच्चय है। इसमें
सरकार, प्रशासन, वित्त, शोषित वर्गों के विरोध का दमन, सार्वजनिक व्यवस्था
बनाये रखना, आदि शामिल हैं। चूंकि आधुनिक समाज के घरेलू मामले बहुत पेचीदा (complicated)
होते हैं, इसलिए घरेलू नीति अक्सर ‘विशेष शाखा’ बन जाती है। कृषि,
सामाजिक, वैज्ञानिक, प्रतिरक्षा तथा अन्य नीतियों का विकास और कार्यान्वयन
किया जाता है। विदेश नीति में उन उपायों का समुच्चय शामिल है, जिनका
लक्ष्य अन्य देशों के संदर्भ में राज्य के हितों की रक्षा करना होता है।
घरेलू और विदेश नीति घनिष्ठता से संबंधित होती हैं और हमेशा समाज की वर्ग
प्रकृति से निर्धारित होती हैं। विशेष क़िस्म के क्रियाकलाप के रूप में
राजनीति, तथा इसके क्रियान्वयन के लिए राज्य व पार्टियों जैसी सामाजिक
संस्थाओं से, अधिरचना (superstructure) के हिस्से का निर्माण होता है। चूंकि राजनीति, सचेत (conscious) व
लक्ष्योन्मुख क्रियाकलाप है, इसलिए इसके अनुरूप सामाजिक चेतना का एक विशेष
रूप भी होता है, जिसे राजनीतिक चेतना कहते हैं।
राजनीति के मुख्य लक्ष्य तथा अंतर्वस्तु (content), व्यापकतम जनांचलों की अपनी चीज़
बनते जा रहे हैं और उन्हें जनता का सक्रिय समर्थन प्राप्त होता है। अतः
राजनीतिक चेतना का विकास तथा राजनीतिक ज्ञान का फैलाव और गहनीकरण आर्थिक,
सामाजिक तथा सांस्कृतिक कार्यों को संपन्न करने के लिए, अवाम को लामबंद
करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण साधन है।
इस बार इतना ही।
जाहिर
है, एक वस्तुपरक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गुजरना हमारे लिए संभावनाओं के कई
द्वार खोल सकता है, हमें एक बेहतर मनुष्य बनाने में हमारी मदद कर सकता है।
शुक्रिया।
समय अविराम
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