हे मानवश्रेष्ठों,
द्वंद्ववाद
पर चल रही श्रृंखला अब समाप्त होती है। कुछ ही समय में फिर किसी नयी
श्रॄंखला की यहां पर शुरुआत की जाएगी। कोई सार्थक सामग्री प्रस्तुत की
जाएगी।
जैसा कि यहां की परंपरा है, द्वंद्ववाद ( द्वंद्वात्मक भौतिकवाद ) पर प्रस्तुत सामग्री को डाउनलोडेबल पीडीएफ़ पुस्तिकाओं
के रूप में उपलब्ध करा दिया गया है। इस श्रृंखला की सामग्री को चार भागों
में समेकित करके अलग-अलग पुस्तिकाओं का रूप भी दे दिया गया है ताकि पाठक
अपनी रुचि की सामग्री को अलग से भी डाउनलोड कर सकते हैं। संपूर्ण सामग्री
भी एक अलग पुस्तिका के रूप में भी उपलब्ध है।
लिंक यहां दिये जा रहे हैं, जिनसे इच्छित सामग्री शीर्षकों पर क्लिक करके पीडीएफ़ रूप में डाउनलोड की जा सकती है। इन्हें साइड बार में भी डाल दिया गया है, जहां ये बाद में भी उपलब्ध रहेंगे।
द्वंद्ववाद - भाग १ - द्वंद्ववाद का परिचय
(dialectics - a introduction) - in hindi pdf - free download
इस
भाग में द्वंद्ववाद का सामान्य परिचय है। जिसमें द्वंद्ववाद की भूमिका,
द्वंद्ववाद की संकल्पना का संक्षिप्त इतिहास, द्वंद्ववाद क्या है?,
अधिभूतवाद, तीन महान खोजें, क्रमविकास किस प्रकार होता है?, क्या गति का
उद्गम है?, तथा द्वंद्ववाद और संकलनवाद पर सामग्री है।
द्वंद्ववाद - भाग २ - बुनियादी उसूल, नियम और प्रवर्ग
(basic principle, rules and categories of dialectics) - in hindi pdf - free download
इस
भाग में द्वंद्ववाद के बुनियादी उसूल - सार्विक संपर्क का उसूल, विकास का
उसूल, द्वंद्ववाद के नियम - विरोधियों की एकता तथा संघर्ष का नियम, परिमाण
से गुण में रूपांतरण का नियम, निषेध के निषेध का नियम, तथा भौतिकवादी
द्वंद्ववाद के प्रवर्ग - व्यष्टिक, विशिष्ट और सामान्य ( सार्विक ),
अंतर्वस्तु और रूप, आभास और सार, कारण और कार्य, अनिवार्यता और संयोग,
संभावना और वास्तविकता पर सामग्री है।
द्वंद्ववाद - भाग ३ - ज्ञान का सिद्धांत
(dialectical theory of knowledge) - in hindi pdf - free download
इस
भाग में संज्ञान पर अज्ञेयवाद, तर्कबुद्धिवाद, क्लासिकी प्रत्ययवाद, तथा
तत्वमीमांसीय भौतिकवाद की ज्ञानमीमांसीय मतों का विवेचन है और संज्ञान के
द्वंद्वात्मक सिद्धांत का व्यवस्थित निरूपण है। जिसमें परावर्तन के रूप में संज्ञान,
ज्ञान के स्रोत, संज्ञान की प्रक्रिया, व्यवहार - संज्ञान का आधार और
कसौटी, संज्ञान की प्रक्रिया में संवेदनों की भूमिका, संज्ञान की
प्रक्रिया में अपकर्षण की भूमिका, प्रत्ययवाद/भाववाद की ज्ञानमीमांसीय
जड़ें, संवेदनात्मक संज्ञान या जीवंत अवबोधन, तर्कमूलक संज्ञान या अमूर्त
चिंतन पर सामग्री है। इसी भाग में सत्य के बारे में द्वंद्ववादी
दृष्टिकोण, वैज्ञानिक संज्ञान के रूप - सिद्धांत और प्राक्कल्पना, प्रयोग
और प्रेक्षण तथा वैज्ञानिक संज्ञान की पद्धतियां - निगमनात्मक विधियां,
आगमनात्मक विधियां, साम्यानुमान पद्धति, विश्लेषण और संश्लेषण, तार्किक और
ऐतिहासिक विधियां आदि पर भी सामग्री है।
द्वंद्ववाद - भाग ४ - सत्य क्या है
(what is truth - a dialectical understanding) - in hindi pdf - free download
इस
भाग में सत्य के बारे में द्वंद्ववादी दृष्टिकोण को संज्ञान सिद्धांत से
ही यहां अलग से पुस्तिका रूप दिया गया है, ताकि सत्य के बारे में विशिष्ट
रुचि और जिज्ञासा रखने वाले मानवश्रेष्ठ इसे अलग से डाउनलोड कर सकें।
इसमें सत्य की संकल्पना, सत्य की निर्भरता, वस्तुगत सत्य, सापेक्ष और निरपेक्ष सत्य, सत्य की द्वंद्वात्मकता, तथा संज्ञान में व्यवहार की भूमिका पर सामग्री है।
द्वंद्ववाद - समग्र (सभी भाग) - द्वंद्वात्मक भौतिकवाद
(dialectics - dialectical materialism) - in hindi pdf - free download
यह
द्वंद्ववाद - द्वंद्वात्मक भौतिकवाद पर यहां प्रस्तुत संपूर्ण सामग्री है।
इसमें उपरोक्त सभी भाग एक साथ उपलब्ध हैं। द्वंद्ववाद की एक निश्चित समझ
बनाने के लिए यह अपेक्षित है कि इस अंतर्संबंधित संपूर्ण सामग्री को
समग्रता में ही आत्मसात किया जाये। साथ ही दर्शन और चेतना पर साइडबार में
उपलब्ध सामग्री को भी डाउनलोड करके इसी के समानांतर पढ़ा-समझा जाए।
इस बार इतना ही।
जाहिर
है, एक वस्तुपरक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गुजरना हमारे लिए संभावनाओं के कई
द्वार खोल सकता है, हमें एक बेहतर मनुष्य बनाने में हमारी मदद कर सकता है।
शुक्रिया।समय अविराम
1 टिप्पणियां:
bahut hi behatarin blog hai apka ...mujhe apke blog post ko padhna pasand hai.Dhanyawad
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